Railway Big News: ट्रेन में अब इन लोगों के लिए सिर्फ नीचे की सीट होगी रिजर्व, बैठने की सोचने की भी हिम्मत न करें
Riskynews Webteam: नई दिल्ली:- Lower Berth Seat Rules Train: अब ट्रेन में लोअर बर्थ सीट के नियमों में बदलाव किया गया है। ट्रेन की निचली बर्थ विकलांगों के लिए आरक्षित की गई है। उनकी यात्रा को और सुविधाजनक बनाने के लिए यह नियम बनाया गया है।
ट्रेन से रोजाना हजारों-लाखों यात्री सफर करते हैं। ऐसे में सीट पर आराम से बैठने के लिए लोग एक महीने पहले ही टिकट बुक करा लेते हैं। ज्यादातर यात्री ऊपर की सीट की जगह नीचे वाली सीट बुक कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन रिजर्वेशन के दौरान यह सुविधा किस्मत वालों को ही मिलती है। लेकिन अब से बुकिंग के वक्त आपकी किस्मत नहीं चलेगी, क्योंकि लोअर बर्थ सीट के नियम बदल गए हैं।
एक आदेश के मुताबिक अब ट्रेन की निचली बर्थ कुछ खास कैटेगरी के लोगों के लिए ही आरक्षित होगी. भारतीय रेलवे के मुताबिक, ट्रेन में केवल दिव्यांग या शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए निचली बर्थ आरक्षित की गई है।
इस तरह होगा सीटों का बंटवारा
रेलवे बोर्ड के बदले नियमों के मुताबिक स्लीपर क्लास में 4, लोअर में 2, मिडिल में 2, थर्ड एसी में 2, इकोनॉमी में 2 सीटें विकलांगों के लिए आरक्षित की गई हैं. इस सीट पर वह या उनके साथ सफर करने वाले लोग भी बैठ सकते हैं। वहीं गरीब रथ ट्रेन में 2 लोअर और 2 अपर सीट विकलांग लोगों को दी जाएंगी. हालांकि उन लोगों को सीटों का पूरा किराया देना होगा।
रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को बिना मांगे सीट देगा
भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को लोअर बर्थ सीट देगा। स्लीपर क्लास में 6 से 7 लोअर बर्थ, हर थर्ड एसी कोच में 4 से 5 लोअर बर्थ, हर सेकंड एसी कोच में 3-4 लोअर बर्थ ट्रेन में 45 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी. इस श्रेणी के लोगों को बिना कोई विकल्प चुने सीटें मिल जाती हैं।
टीटी ऑनबोर्ड सीट भी बदल सकता है
वहीं अगर किसी वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग या गर्भवती महिला को ऊपर की सीट का टिकट मिलता है तो टीटी ऑनबोर्ड भी उन्हें टिकट चेकिंग के समय नीचे की सीट दिला सकता है।
दिन में भी बैठने की जगह देनी होगी
रेलवे के नियमों के मुताबिक, साइड लोअर बर्थ पर यात्रा करने वाले यात्रियों को दिन के समय भी साइड अपर बर्थ पर बैठने के लिए रास्ता देना होता है। रेलवे के एक नियम के मुताबिक, अगर दो आरएसी यात्री पहले से ही निचली बर्थ पर यात्रा कर रहे हैं, तो भी उन्हें बर्थ धारक को सीट देनी होगी।
क्या होगा अगर यात्री मना कर देता है?
कई बार ऐसा होता है कि यात्री को ट्रेन में यात्रा के समय इन नियमों की जानकारी नहीं होती है। जिससे कई बार स्थिति खराब हो जाती है। ऐसे में रेलवे ने खास नियम बनाए हैं ताकि दोनों यात्रियों के बीच की बातचीत खराब न हो. अगर कोई यात्री मिडिल बर्थ को निर्धारित समय से पहले या बाद में खोलने की जिद करता है तो आप उसे ऐसा करने से रोक सकते हैं। इसकी शिकायत आप टीटीई से कर सकते हैं।