Farmers Big News: गेहूं की सरकारी खरीद पर सरकार का बड़ा फेसला, अब किसानों पर पड़ेगा यह असर, पूरी अपडेट जाने
Riskynews Webteam: नई दिल्ली:- Farmers Big News – पिछले कुछ दिनों में हुई बेमौसम बारिश से देश के कई राज्यों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश के कारण जहां फसलों की गुणवत्ता खराब हुई है, वहीं उनकी मात्रा पर भी असर पड़ा है। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए देश के पांच राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद के नियमों में ढील दी है.
इस बार मंडियों में गेहूं की आवक कम है
जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकार ने इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे किसानों से 41 लाख टन गेहूं की खरीद की है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं की खरीद में 18 फीसदी की कमी आई है। भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने अपने बयान में कहा कि गेहूं की सरकारी खरीद में गिरावट का मुख्य कारण बेमौसम बारिश है. पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश के कारण किसानों को फसल काटने में देरी हुई और इसके साथ ही बारिश का फसलों की गुणवत्ता और मात्रा पर काफी असर पड़ा. यही वजह है कि इस बार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में गेहूं की आवक कम देखी जा रही है।
गेहूं खरीद नियमों में ढील
इस साल बेमौसम बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इसी के चलते किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस बार पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए नियमों में कुछ छूट दी है. भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने बताया कि चालू विपणन वर्ष में 16 अप्रैल तक 41 लाख टन तक गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में गेहूं की खरीद में तेजी आने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि हरियाणा और पंजाब की मंडियों में गेहूं की आवक अन्य जगहों से अच्छी है।
3.42 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य
जानकारी के लिए बता दें कि FCI राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है जो राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर MSP पर गेहूं की खरीद करती है. इस एजेंसी के माध्यम से यह खरीद करने का उद्देश्य किसानों के हितों को सुरक्षित करना और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए बफर स्टॉक बनाए रखना है। इसके साथ ही आपको बता दें कि सरकार ने विपणन वर्ष 2023-24 के लिए 3.42 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था. इसके साथ ही आपको बता दें कि पिछले साल 2022-23 सत्र में 1.9 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई थी.
मौसम के कारकों से प्रभावित फसल
पिछले साल गर्मी में लू के कारण घरेलू गेहूं उत्पादन में कमी आई थी। इससे सरकार द्वारा की जाने वाली गेहूं की खरीद में भी कमी आई है। इस साल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 112.18 करोड़ टन रहने का अनुमान था, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण सरकार के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल हो गया है.
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