Educational Big News: शिक्षा विभाग ने किया बड़ा बदलाव, अब पांचवीं के बाद सीधे आठवीं में ले सकेंगे प्रवेश
नई दिल्ली:- Educational Big News: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार एक ऐसा फॉर्मूला तैयार किया गया है जिसके तहत पांचवीं कक्षा का छात्र अब सीधे आठवीं कक्षा में प्रवेश ले सकेगा. आपको बता दें कि यह अतिरिक्त क्रेडिट पॉइंट्स के जरिए किया जाएगा। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का फॉर्मूला सिर्फ उच्च शिक्षा या कौशल विकास से जुड़े कोर्स तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह स्कूली शिक्षा में भी कारगर होगा। वर्तमान में इसे चार स्तरों में बांटा गया है। इनमें पहला बालबाटिका से पांचवीं कक्षा तक, दूसरा छठवीं से आठवीं कक्षा तक, तीसरा नौवीं और दसवीं कक्षा तक और चौथा ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के स्तर तक होगा। . सभी स्तरों के लिए 40-40 क्रेडिट स्कोर होंगे।
क्रेडिट स्कोर के आधार पर दूसरे लेवल में प्रवेश ले सकते हैं
इस दौरान कोई भी छात्र एक्स्ट्रा क्रेडिट स्कोर के आधार पर सीधे दूसरे लेवल में प्रवेश ले सकेगा। स्पष्ट है कि इसके लिए विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी दक्ष होकर अतिरिक्त क्रेडिट अंक लेने होंगे। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के इस फॉर्मूले में कौशल विकास से जुड़े छात्रों को भी नियमित शिक्षा में शामिल होने का मौका दिया गया है, यानी आईटीआई पास छात्रों को बारहवीं के समकक्ष माना जाएगा और वे बारहवीं के अन्य छात्रों की तरह विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के पात्र होंगे. हालांकि इसके लिए उसे एनआईओएस (ओपन स्कूल) से किसी एक भाषा से जुड़ा कोर्स करना होगा।
नई शिक्षा नीति की अनुशंसा पर फॉर्मूला तैयार किया गया है
खास बात यह है कि स्कूली शिक्षा में पहली बार नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे पूरी शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता आएगी। इसके साथ ही छात्रों को अन्य विकल्पों को चुनने का भी मौका मिलेगा। इस बीच, शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट ढांचे को अंतिम रूप दे दिया है। नेशनल क्रेडिट फॉर्मूला का यह निर्धारण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुशंसा के बाद तैयार किया गया है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार किसी भी छात्र को क्रेडिट स्कोर तभी मिलेगा जब वह उस क्षेत्र में कम से कम 30 घंटे बिताएगा।
एक-एक कदम पार करने पर मिलेगा इतना क्रेडिट स्कोर
यह समय पढ़ाई में या कुछ नया सीखने में व्यतीत हो सकता है। वहीं, एक स्टेज को पार करने के लिए कम से कम 40 क्रेडिट लेने होते हैं। स्कूली शिक्षा के सभी चार चरणों को पूरा करने के परिणामस्वरूप 160 क्रेडिट होंगे, जबकि तीन साल के स्नातक पाठ्यक्रम के पूरा होने पर 120 क्रेडिट होंगे। पीएचडी डिग्री प्राप्त करने तक उन्हें 320 क्रेडिट अर्जित करना होगा। इस पूरी व्यवस्था का मुख्य बिंदु यह है कि कोई भी छात्र किसी भी स्तर पर एक निश्चित क्रेडिट स्कोर के आधार पर दूसरे स्तर या पाठ्यक्रम में स्थानांतरित हो सकता है।
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