CBSE Big News: अब साल में दो बार होगी 12वीं की परीक्षा, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया NCF का ड्राफ्ट, फुल अपडेट देखे
Riskynews Webteam: नई दिल्ली;- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय CBSE ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) का मसौदा जारी किया है। इसमें 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो टर्म में कराने का प्रस्ताव है। 10वीं-12वीं के रिजल्ट में पिछली कक्षाओं के अंक जोड़ने की भी सिफारिश की गई है। इसे ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए इस ढाँचे में विज्ञान, वाणिज्य और कला के विभाजन को भी समाप्त करने का प्रस्ताव है।
नया ढांचा सत्र 2024-25 से लागू होगा
कोरोना के दौरान बोर्ड की परीक्षा दो भागों में हुई और अब यह व्यवस्था स्थायी की जाएगी। नया ढांचा सत्र 2024-25 से लागू हो सकता है। अभी तक 1975, 1988, 2000 और 2005 में पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है।
बोर्ड परीक्षाओं के प्रारूप में बदलाव का यह पहला प्रयास भी नहीं है। इससे पहले 2009 में 10वीं के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन पद्धति लागू की गई थी लेकिन 2017 में इसे वापस ले लिया गया।
9वीं और 12वीं तक 8 ग्रुप से विषय का चयन किया जाएगा
ड्राफ्ट में पिछले 4 साल (9वीं से 12वीं) में विषय चुनने की आजादी होगी। इन्हें 8 समूहों में विभाजित किया जाएगा- मानविकी, गणित-कंप्यूटिंग, व्यावसायिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, अंतर-अनुशासनात्मक विषय।
इन 4 सालों को भी दो चरणों में बांटा जाएगा। 9वीं और 10वीं और 11वीं और 12वीं। पहले चरण में यानी कक्षा 9-10 में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और मानविकी पढ़ाया जाएगा, दूसरे चरण (कक्षा 11-12) में इतिहास, भौतिकी, भाषा पढ़ाई जाएगी।
सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी
11वीं और 12वीं में भी 8 विषय समूहों में से 4 विषयों की पढ़ाई करनी होगी। इन दोनों वर्षों में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी। चुने हुए विषय को एक सेमेस्टर में पूरा करना होगा। 12वीं का सर्टिफिकेट लेने के लिए छात्र को 16 पेपर (कोर्स) में पास होना होता है।
आपको 8 में से तीन विषय समूहों में से अपने चार विषयों को चुनना होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र सामाजिक विज्ञान स्ट्रीम से इतिहास चुनता है, तो उसे इतिहास के चार पेपर (सिलेबस) पूरे करने होंगे। गणित स्ट्रीम से अगर कोई कंप्यूटर साइंस चुनता है तो उसे चार कोर्स करने होते हैं।
बोर्ड परीक्षाओं में MCQ अधिक होंगे
सीबीएसई ने मूल्यांकन पद्धति में बदलाव करके 2024 की बोर्ड परीक्षाओं में अधिक संख्या में बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) शुरू करने और लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रकार के प्रश्नों के भार को कम करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मद्देनजर उठाया है ताकि छात्र रटकर पढ़ाई न करें। वर्ष 2023-24 की 10वीं बोर्ड परीक्षा में एमसीक्यू पेपर का वेटेज 50 फीसदी जबकि 12वीं में 40 फीसदी होगा.
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