Agriculture Drone: किसानों की बल्ले-बल्ले, अब सिर्फ 10 मिनट में ड्रोन में करें कीटनाशक का छिड़काव
Riskynews Webteam: नई दिल्ली:- Agriculture Drone: देश में किसानों के लिए खेती में इस्तेमाल होने वाली नई-नई तरह की मशीनें और तकनीकें आ रही हैं।
इसके लिए किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जाते हैं और साथ ही सब्सिडी का लाभ भी दिया जाता है।
अब कृषि यंत्रों में कृषि ड्रोन को भी शामिल कर लिया गया है।
इस ड्रोन की खासियत है कि इसकी मदद से किसान 10 मिनट में अपने खेतों में फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।
इस तरह किसान का कई घंटों का काम सिर्फ 7 मिनट में पूरा हो जाएगा।
इसमें किसान को कोई नुकसान नहीं होगा, जबकि कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान शरीर को नुकसान होने की आशंका रहती है।
जबकि ड्रोन से सुरक्षित तरीके से फसल पर कीटनाशक का छिड़काव संभव है।
यह फसलों में कीटनाशक का छिड़काव करने के अलावा कई कामों में भी आता है। इस ड्रोन की मदद से किसान बीज, अनाज, खाद आदि भी खेत में डाल सकते हैं।
भारतीय कृषि में इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को ड्रोन की खरीद पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
वहीं कृषि विश्वविद्यालयों को 100 फीसदी तक सब्सिडी पर ड्रोन उपलब्ध कराया जाता है।
भारत में कृषि ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कृषि विद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों को सब्सिडी पर कृषि ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
ड्रोन के जरिए सभी तरह की फसलों, सब्जियों और बगीचों में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। यह किसानों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनुकूल है।
किसानों के खेतों में ड्रोन के माध्यम से तरल खाद, खरपतवारनाशी, रोग एवं कीटनाशी का छिड़काव करने से पानी, समय व श्रम की बचत होगी।
ड्रोन सुविधाएँ
1- ड्रोन का वजन 14.9 किलोग्राम है और इसमें 10 लीटर की फिलिंग कैपेसिटी का टैंक है.
2- ड्रोन का कुल वजन 24.9 किलोग्राम है.
3- ड्रोन को स्टार्ट करने के लिए सबसे पहले हार्डवेयर सेफ्टी स्विच को दबाकर आर्म को जीसीएस में स्टार्ट किया जा सकता है।
4- एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव करने में लगभग 6 से 7 मिनट का समय लगता है.
5- ड्रोन के आगे, पीछे और नीचे तीन सेंसर लगे होते हैं जिससे ड्रोन पेड़ों या तारों से न टकराए. ड्रोन में स्प्रे करने वाले चार नोजल लगे होते हैं। नोजल पानी की एक बूंद को 220 माइक्रोन में तोड़ देता है।
6- ड्रोन में 6 प्रोपेलर होते हैं जिन्हें पंखुड़ी कहा जा सकता है, तीन क्लॉक वाइज और तीन एंटी क्लॉक वाइज।
7- कचरा न आए इसके लिए ड्रोन में तीन फिल्टर लगे हैं.
8- इसमें एक कैमरा लगा होता है जो दूर होने पर भी मैदान को दिखा सकता है।
9- ड्रोन के गियर एल्युमीनियम के बने होते हैं जो इसे सुरक्षित जमीन पर लाने में मदद करते हैं।
10- ड्रोन करीब चार किलोमीटर की दूरी तक और 80 मीटर की ऊंचाई से दवा का छिड़काव कर सकता है।
11- मैपिंग सिस्टम के जरिए खेत में ड्रोन से जगह-जगह दवा का छिड़काव भी किया जा सकता है.
12- ड्रोन में बैटरी का एक सेट होता है जिसमें दो बैटरी लगी होती हैं और इस सेट से 2 एकड़ में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। इसकी एक बैटरी को चार्ज होने में 40 से 45 मिनट का समय लगता है।
13- ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव से किसानों की खेती की प्रति हेक्टेयर लागत में कमी आएगी.
ड्रोन की कीमत 6.78 लाख रुपये + जीएसटी है।
सरकार किसानों को इसे खरीदने के लिए सब्सिडी देती है जो 40 फीसदी होती है।
इस तरह 10 लाख रुपये के ड्रोन की खरीद पर किसानों को 4 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है.